मूंगे की परीछा कैसे करे ----रत्न विज्ञानियों के मत से मूंगे की परीछा कई प्रकार से की जाती है,जिनमे से कुछ मुख्य इस प्रकार है
जो मूंगा रुखा,भारहीन या चमकदार न होम,उसे धारण करने का कोई लाभ नहीं होता। वह लाभ के स्थान पर हानि ही अधिक करता है।
यदि रक्त में मूंगा रख दिया जाए,तो उसके चारो ओर गाढ़ा रक्त जमा हो जायगा।यह शुद्ध मूंगे की पहचान है।
यदि उत्तम जाति का मूंगा हो और उसे सूर्य की धूप में रुई पर दिया जाए तो थोड़ी देर में ही रुई जल उठेगी। इसे भी असली मूंगा जानना चाहिए।
जिस मूंगे को दूध में डालने पर दूध में लाल रंग की झाई -सी देखने को मिले,वह भी श्रेष्ठ मूंगा होता है।
जो मूंगा रुखा,भारहीन या चमकदार न होम,उसे धारण करने का कोई लाभ नहीं होता। वह लाभ के स्थान पर हानि ही अधिक करता है।
यदि रक्त में मूंगा रख दिया जाए,तो उसके चारो ओर गाढ़ा रक्त जमा हो जायगा।यह शुद्ध मूंगे की पहचान है।
यदि उत्तम जाति का मूंगा हो और उसे सूर्य की धूप में रुई पर दिया जाए तो थोड़ी देर में ही रुई जल उठेगी। इसे भी असली मूंगा जानना चाहिए।
जिस मूंगे को दूध में डालने पर दूध में लाल रंग की झाई -सी देखने को मिले,वह भी श्रेष्ठ मूंगा होता है।
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